सुरक्षित सेक्स के लिए सिर्फ पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी कंडोम का इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन महिलाएं अकसर कंडोम को लेकर उलझन में रहती हैं कि उन्हें कंडोम का उपयोग करना चाहिए कि नहीं,और अगर हां तो कैसे। कहीं उनके लिए यह हानिकारक तो नहीं। कहीं कंडोम से कोई गलत प्रभाव पड़े। महिलाओं का ऐसा सोचना भी जायज है। लेकिन क्या आप जानते हैं महिला कंडोम की विशेषता है कि वह संभोग के समय आराम से प्रयोग किया जा सकता है साथ ही गर्भ निरोधक विकल्प के रूप में यह बेहतर विकल्प है। बहरहाल आइए जानें, महिला कंडोम है क्या।
- महिला कंडोम लम्बी पोलीस्थ्रेन की थैली होती है। यह अनचाहे गर्भ से बचाने के लिए कारगर है।
- महिला कंडोम की विशेषता है कि यह दोनों किनारों से लचीला होता है। इतना ही नहीं महिला कंडोम में पहले से ही सिलिकोन आधारित चिकनाई लगी रहती है।
- महिला कंडोम को बहुत ही सावधानी से खोलकर सही तरह से उपयोग करने के लिए उसको ठीक तरह से लगाना चाहिए।
- शुरूआत में महिला कंडोम का प्रयोग मुश्किल होता है, लेकिन धीरे-धीरे अभ्याकस से इसे आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
- महिला कंडोम में पहले से ही चिकनाई होती है, उनमें सिलिकोन आधारित स्परमिसिडिल रहित चिकनाई होती है। इससे कंडोम को लगाने में आसानी होती है। लेकिन कई बार ज्यादा जरूरत पड़ने पर बेबी ऑयल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- पुरूष कंडोम की ही तरह महिला कंडोम को भी दोबारा प्रयोग नहीं किया जा सकता। साथ ही इनकी अंतिम तिथि लगभग पांच साल तक होती है।
- महिलाओं के कंडोम के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं पड़ती जैसे पुरूष कंडोम के लिए पड़ती है।
- महिला कंडोम भी गर्भनिरोधक विकल्प के रूप में बेहतर है लेकिन जो महिलाएं पहली बार कंडोम का प्रयोग करती हैं उनका ध्यान सेक्स में कम कंडोम की तरफ ज्यादा होता है।
- महिला कंडोम उसी समय प्रयोग हो सकता है जब पुरूष कंडोम का प्रयोग न हो।
हालांकि महिला कंडोम बहुत ज्यादा सफल नहीं हुआ है लेकिन जो पुरूष कंडोम का प्रयोग करने से कतराते हैं, उनकी महिला साथी कंडोम का प्रयोग कर सकती है।

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