हां! आपके शरीर में होने वाले इतने भारी बदलावों से आपके जीवन में संभोग के प्रति परिवर्तन आना निश्चित ही है। कुछ महिलाएं गर्भधारण और गर्भनिरोध की चिंताओं से अंततः मुक्त होकर पहले से अधिक उत्तेजित महसूस करती हैं। वहीं कुछ अन्य अत्यधिक थकान या मिचली महसूस करती हैं, जिस कारण प्रेम संबंध बनाने में उन्हें मुश्किल होती है। ऐसा विशेषकर पहली तिमाही में होता है।
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में बनने वाले हॉर्मोन भी संभोग के प्रति घटती इच्छा की वजह हो सकते हैं।
आपकी मनोदशा भी एक कारण है। अगर आप अपनी गर्भावस्था और हो रहे शारीरिक बदलाव के प्रति सकारात्मक हैं, तो संभव है की आप अधिक कामातुर महसूस करें। परंतु ,अगर आप गर्भावस्था के बारे में अधिक खुश नहीं हैं या अपने बढ़ते पेट या अन्य मुद्दों के बारे में असुरक्षित महसूस करती हैं, तब इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
समस्याग्रस्त वैवाहिक रिश्ते या फिर अवसाद (डिप्रेशन) से पीड़ित महिलाएं अक्सर कहती हैं की गर्भावस्था में उनके प्रेम संबंध और बिगड़ गए हैं।
ज़्यादातर अध्ययन यह बताते हैं की दूसरी तिमाही में प्राय: महिलाओं की कामेच्छा अधिक जागृत होती है।
परंतु, तीसरी तिमाही में यह इच्छा शिशु के जन्म, प्रसव और बढ़ते हुए पेट के कारण फिर से कम हो जाती है। अनेक गर्भवती महिलाएं खुद को अनाकर्षक समझने लगती हैं या फिर यह चिंता करती हैं की उनके पति संभोग से संतुष्ट हैं या नहीं।
चाहे गर्भावस्था का कोई भी चरण हो, महिलाएं क्या महसूस करती हैं और संभोग के प्रति सक्रिय दंपत्तियों में कैसे संबंध है, इस बात में बहुत विविधता है। जो एक व्यक्ति के लिए सामान्य है, हो सकता है, आपके लिए न हो।
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में बनने वाले हॉर्मोन भी संभोग के प्रति घटती इच्छा की वजह हो सकते हैं।
आपकी मनोदशा भी एक कारण है। अगर आप अपनी गर्भावस्था और हो रहे शारीरिक बदलाव के प्रति सकारात्मक हैं, तो संभव है की आप अधिक कामातुर महसूस करें। परंतु ,अगर आप गर्भावस्था के बारे में अधिक खुश नहीं हैं या अपने बढ़ते पेट या अन्य मुद्दों के बारे में असुरक्षित महसूस करती हैं, तब इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
समस्याग्रस्त वैवाहिक रिश्ते या फिर अवसाद (डिप्रेशन) से पीड़ित महिलाएं अक्सर कहती हैं की गर्भावस्था में उनके प्रेम संबंध और बिगड़ गए हैं।
ज़्यादातर अध्ययन यह बताते हैं की दूसरी तिमाही में प्राय: महिलाओं की कामेच्छा अधिक जागृत होती है।
परंतु, तीसरी तिमाही में यह इच्छा शिशु के जन्म, प्रसव और बढ़ते हुए पेट के कारण फिर से कम हो जाती है। अनेक गर्भवती महिलाएं खुद को अनाकर्षक समझने लगती हैं या फिर यह चिंता करती हैं की उनके पति संभोग से संतुष्ट हैं या नहीं।
चाहे गर्भावस्था का कोई भी चरण हो, महिलाएं क्या महसूस करती हैं और संभोग के प्रति सक्रिय दंपत्तियों में कैसे संबंध है, इस बात में बहुत विविधता है। जो एक व्यक्ति के लिए सामान्य है, हो सकता है, आपके लिए न हो।
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