
वाशिंगटन: अगर आपका बच्चा कोई मैच खेल रहा हो और आप अपने फोन पर बात करने या संदेश भेजने में व्यस्त हैं तो आपको इसके कारण शर्मिदगी उठानी पड़ सकती है. एक ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है.
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, खेलते वक्त बच्चे अपने परिजनों का ध्यान अपनी ओर चाहते हैं तथा उस दौरान फोन का इस्तेमाल परिजनों के लिए शर्मिदगी का कारण बन सकता है.
शोध के मुख्य लेखक एवं वाशिंगटन विश्वविद्यालय में शोध छात्र एलेक्सिस हिनिकर के अनुसार, “इसे लेकर काफी चिंता व्यक्त की जा चुकी है तथा अनेक लोगों ने अपने इस व्यवहार पर शर्मिदगी उठाने की बात स्वीकार की है.”
शोध में शामिल 466 परिजनों में से 44 फीसदी का मानना है कि बच्चों को मैच खेलने के दौरान फोन के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए, हालांकि उन्होंने खुद को ऐसा न कर पाने का दोषी माना है.
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अपने फोन में तल्लीन ऐसे परिजन चैटिंग की अपेक्षा अपने बच्चों के अनुरोध पर कम ध्यान देते हैं.
खेल के मैदान पर मोबाइल का सर्वाधिक उपयोग मित्रों या परिवार वालों को संदेश भेजने, फोटो खींचने और ईमेल करने में देखा गया. शोधकर्ताओं ने अमेरिका के खेल के मैदानों में 40 घंटे से अधिक की बातचीत को दर्ज किया और 466 परिजनों से आंकड़े इकट्ठा किए.
यह शोध दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुए एसोसिएशन फॉर कम्प्यूटिंग मशीनरी सीएचआई सम्मेलन में पेश किया गया.
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