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Monday, 15 February 2016

गर्भावस्था के दौरान संभोग की कौन सी मुद्राएं आरामदायक

जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है, आप पाएंगी की पति के आपके ऊपर आने वाली मुद्रा (मिशनरी पॉजिशन) अब आरामदायक नहीं रही। इसकी बजाय आप निम्नांकित मुद्राएं आजमा सकती हैं: 
  • एक ओर होकर लेटें। इस मुद्रा में आपके पति का अधिकांश वज़न आपके गर्भाशय पर नहीं पड़ता।
  • बिस्तर को एक माध्यम के रूप में इस्तमाल करें। आप बिस्तर के एक छोर पर अपनी पीठ के बल लेटें तथा अपने घुटनों को मोड़ कर रखें। अपने नितंबों और पांवों को गद्दे के किनारों पर रखें। आपके पति आपके सामने घुटने मोड़कर बैठ सकते हैं या फिर सीधे खड़े हो सकते हैं।
  • साथ-साथ दो चम्मचों की तरह लेटें इसमें केवल कम गहराई तक प्रवेश किया जा सकता है। जैसे-जैसे गर्भावस्था की अवधि बढ़ती है, गहरे भेदन से महिला को परेशानी हो सकती है।
  • अपने पति के ऊपर आएं। यह स्थिति गर्भवती महिलाओं में उच्च यौन संतुष्टि के साथ जोड़ी जाती है। इससे आपके पेट पर कोई भार नहीं पड़ेगा और आप पुरुष के शिश्न के प्रवेश की गहराई पर नियंत्रण रख पाएंगी।
  • बैठी हुई स्थिति। इस स्थिति में भी आपके गर्भाशय पर कोई भार नहीं पड़ता। जब आपके पति एक मजबूत सी कुर्सी पर बैठे हों, तो उनकी गोद में बैठने का प्रयास करें। आप ज्यादा बार खड़ी होकर या उकड़ू बैठकर शिश्न के प्रवेश की गति और गहराई नियंत्रित कर सकती हैं।

चिकनाई युक्त क्रीम या जेल अक्सर जलन या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था में इनका प्रयोग तभी करें, अगर डॉक्टर ने इसकी सलाह दी हो। संभोग के बाद अपने श्रोणि क्षेत्र को पूरी तरह से साफ करना अच्छा रहता है। एक साफ और सूखे तौलिये या टिश्यू पेपर से पोंछ लें। 

आप गर्भावस्था में भी संतोषजनक प्रेम संबंध रख सकती हैं। याद रखें कि जहां चाह, वहां राह! कुछ प्रयोग करके आप तथा आपके पति अवश्य ऐसा तरीका ढूंढ निकालेंगे, जो आपके लिए फायदेमंद हो। एक दूसरे से बात करते रहें। गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद भी यौन संबंधों को बनाए रखने और उनमें सुधार के लिए संवाद और खुलापन बहुत जरुरी है। 
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