हवा में घुले प्रदूषण के जहर के बीच सांस लेना हमारी मजबूरी है। इससे एलर्जी, सांस लेने में परेशानी, प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना और आए दिन जुकाम जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि घर के अंदर या दफ्तर में बैठकर आप प्रदूषित वातावरण से दूर हैं, तो यह भ्रम है। कई शोध यह बताते हैं कि अकसर अंदर का वातावरण बाहर से ज्यादा प्रदूषित रहता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने आस-पास का पर्यावरण अशुद्ध होने से बचाया जा सकता है।
रखें ध्यान इन बातों का :
- घर और आफिस में कारपेट का कम से कम इस्तेमाल करें। अगर कारपेट हैं, तो समय-समय पर उनकी सफाई हो। कीटाणु जल्द ही इनमें घर बना लेते हैं। धूल इनमें बसी रहती है।
- कीटनाशकों और अन्य रसायनों का छिड़काव कम से कम हो। हमेशा रसायनों के प्रयोग से ही घर और कार्यालय की सफाई न करें।
- अगर किसी स्थान पर पेंट या पालिश हुई है, तो एसी चालू करने से पहले वायु संचार की उचित व्यवस्था कर लें।
- हमेशा प्राकृतिक रूम फ्रैशनर का ही इस्तेमाल करें।
- पूरी तरह से बंद कमरों के एसी की समय-समय पर सफाई कराएं।
- घर या आफिस के अंदर धूम्रपान न करें।
- घर और दफ्तर में, गमलों में छोटे-छोटे पौधे लगाएं। पौधों से आक्सीजन स्तर में तो इजाफा होता ही है, वातावरण भी खुशनुमा रहता है।
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