क्या आपको कभी लगा है कि काश आपके पास थोड़ी और हिम्मत होती, वो कहने के लिए जो आप कहना चाहते हैं? अपने आपको व्यक्त करने के लिए आपके अंदर हिम्मत की कमी है? वैसे, ये काम है भी बहुत मुश्किल।
अक्सर लोगों के साथ ये परेशानी बचपन से ही शुरू हो जाती है। वो अपने आपको व्यक्त करने में परेशानी महसूस करते हैं। माता-पिता, संबंधी, टीचर और दोस्तों के बीच वो अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं बटोर पाते। इसके पीछे जो मुख्य कारण होता है, वह यह है कि ऐसे लोगों को डर होता है कि उनकी बात पर दूसरों की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। उन्हें न सुननी पड़ सकती है या फिर मतभेद उत्पन्न होंगे।
अपनी बात दूसरों के सामने रखना बहुत जरूरी है। भले ही उससे विचारों का मतभेद पैदा हो जाए, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया सामने आए, ये बात अहम है। ऐसा न करके न केवल आप अपने साथ गलत करते हैं बल्कि दूसरों के साथ भी अच्छा नहीं करते। आइये जानते हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप जो महसूस करते हैं उसे आत्मविश्वास के साथ बोल सकेंगे।
- अपनी बात रखने के लिए हिम्मत है जरूरी।
- सोच-विचार के लिए थोड़ा वक्त लेना चाहिए।
- दूसरों की बजाय अपनी सलाह को दें वरीयता।
- सोचने के बाद, तुरंत कार्रवाई भी है जरूरी।
अक्सर लोगों के साथ ये परेशानी बचपन से ही शुरू हो जाती है। वो अपने आपको व्यक्त करने में परेशानी महसूस करते हैं। माता-पिता, संबंधी, टीचर और दोस्तों के बीच वो अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं बटोर पाते। इसके पीछे जो मुख्य कारण होता है, वह यह है कि ऐसे लोगों को डर होता है कि उनकी बात पर दूसरों की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। उन्हें न सुननी पड़ सकती है या फिर मतभेद उत्पन्न होंगे।
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