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Tuesday, 9 February 2016

वीर्यकोष कैंसर के उपचार के टिप्स

viryakosh cancer ke upchar ke tips

कैंसर की सभी बीमारीयों में वीर्यकोष कैंसर या टेस्‍टिकुलर कैंसर एक दुर्लभ बीमारी है, जो आमतौर पर 15 से 40 वर्ष की उम्र के पुरूषों में पायी जाती है, इसके ईलाज का कोई भी सही रास्‍ता या उपाय नहीं है। शुरूआती अवस्था मेंटेस्‍टिकुलर कैंसर बीमारी का ईलाज किया जा स‍कता है।


वीर्यकोष की खुद नियमित जांच करें- आप वीर्यकोष की नियमित जांच करके शुरूआती दौर में इसका पता लगा सकते है। खुद से आप वार्य की जांच के कर सकते है और यह पता लगा सकते है कि वीर्यकोष में कैंसर है या नहीं।


खुद नियमित जांच स्‍टेप-
  • नहाने के बाद आप इसकी जांच कर सकते है, नहाने से आपकी त्‍वचा को आराम मिलता है, इससे आप आसानी से किसी भी प्रकार के बदलाव या सूजन का अनुभव कर सकते हैं।
  • इस जांच में अगर आपको टेस्‍टिकल्‍स में कोई असामान्‍यता या सूजन का अनुभव हो तो इसे गंभीरता से लें।
  • जांच के दौरान आप वीर्यकोष के उपरी एवं निछले हिस्‍से में जकड़न का अनुभव करेंगे, इस गोले या सूजन को समझने में भूल ना करें।  


साल में एक बार शरीरिक जांच जरूर कराएं- आपका डॉक्‍टर आपके असामान्‍य वीर्यकोष की पूरी जांच करेंगा।अपने लक्षणों पर ध्‍यान दें और अगर आपको किसी भी प्रकार का लक्षण दिखाई दें तो डॉक्‍टर को जरूर दिखाए।
  • वीर्यकोष में दर्दरहित सूजन या फुलाव, वीर्यकोष कैंसर के नब्‍बे प्रतिशत मरीज़ों में आम लक्षण होते है।
  • टेस्‍टिस में भारीपन का अनुभव
  • टेस्‍टिस का बड़ा होना या फुलना
  • तरल में जमाव
  • पेट और कमर हल्‍का-हल्‍का सा दर्द होना
  • व्रेस्‍ट की साइज का बढ़ना या उसमें दर्द होना

यदि इनमें से कोई एक या एक से ज्‍यादा लक्षण दिख रहें हो तो जरूरी नहीं की आपको वीर्यकोष कैंसर हो, सिर्फ आपका डॉक्‍टर इसकी जांच कर यह बता सकता है, इसलिए डॉक्‍टर की सलाह से चलें।

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