उसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो वो कोई बच्चा है जो मानता है सेक्स उसका पसंदीदा टॉपिक है लेकिन असल में उसे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था। हम दोनों ही शर्म से लाल हो रहे थे। हम दोनों को पता था की योनि कहाँ होती है लेकिन शायद घबराहट के चलते लिंग तो दूर की बात उसकी उँगलियाँ भी सही जगह तक नहीं पहुँच रही थी।
आखिर उसने अपना मोबाइल निकला और उसकी रौशनी में उस छुपे खजाने की तलाश करने की कोशिश की जिसे हम दोनों तलाश रहे थे। हम दोनों को मूड बदल गया और हंसी छूट गयी। थककर हम दोनों ने चुप चाप एक दूसरे के बाँहों में सोने का फैसला किया।
वो रात हमारे लिए ख़ास थी, ख़ास होने की वजह और लोगों के अनुभव से अलग थी। हमने कुछ दिन बाद आखिरकार बिना टोर्च की मदद के सेक्स किया। हनीमून के दौरान माहौल थोड़ा हल्का था और हमारी झिझक भी कम हो चुकी थी। साथ ही हमने इंटरनेट से कुछ जानकारी भी अर्जित की थी।
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