- एचआईवी के खात्मे में नया टीका कारगर साबित होगा।
- ओरेजोन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में विकसित किए टीके।
- वनमानुषों में एड्स फैलाने वाले एचआईवी वायरस पर किया परीक्षण।
- ऐसे टीके की जांच जल्दी ही इनसानो पर की जा सकेगी।
ओरेजोन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में विकसित किए गए एचआईवी एड्स के नए टीके ने वनमानुषों में एड्स फैलाने वाले वायरसों के सभी निशान प्रभावी तरीके से मिटा देने की क्षमता का प्रदर्शन किया।
टीके का परीक्षण वनमानुषों में पाए जाने वाले एचआईवी की तरह के एक अन्य वायरस एसआईवी पर किया जा रहा है। एसआईवी के कारण बंदर एड्स की बीमारी का शिकार होते हैं। ऐसी भी उम्मीद की जा रही है कि एचआईवी के लिए ऐसे टीके की जांच जल्दी ही इंसानों पर की जा सकेगी।
ओएचएसयू वैक्सीन एंड जीन थरेपी इंस्टीट्यूट के सहायक निदेशक लुईस पिकर ने कहा कि अभी तक एचआईवी संक्रमण का इलाज बहुत कम मामलों में ही किया जा सका है, जिनमें एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को एंटी-वायरल दवाईयां संक्रमण के तुरंत बाद दी गईं या जिन्होंने कैंसर पर काबू पाने के लिए सेल ट्रांसप्लांट करवाया।
लुईस पिकर ने कहा कि हालिया शोध से प्रतीत होता है कि नए टीके से विकसित होने वाली प्रतिरोधक क्षमता की प्रतिक्रियाओं में शरीर से एचआईवी पूरी तरह मिटाने की भी क्षमता हो सकती है। अपने परीक्षण में पिकर ने साइटोगेलोवायरस या सीएमवी का इस्तेमाल किया। यह साधारण वायरस बड़ी जनसंख्या में पाया जाता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सीएमवी और एसआईवी का आपस में मिलने से एक अलग तरह का प्रभाव होता है। ‘इफैक्टर मेमोरी’ के ये टी सेल एसआईवी संक्रमित कोशिकाओं को ढूंढने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम हैं। यह अध्ययन नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है।
0 comments:
Post a Comment